SET 02 वैदिक काल / Vedic Period MCQsBy dreamnaukari.com@gmail.com / March 23, 2025 Copyright © 2025 dreamnaukariquiz.com | Powered by dreamnaukariquiz.com SET 02 Vedic Period / वैदिक काल 1 / 23 22. अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद किस उपनिषद में प्राप्त होता है? I.A.S. (Pre) 1997 U.P.P.C.S. (Pre) 1999 U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005 (a) बृहदारण्यक उपनिषद में (b) छांदोग्य उपनिषद में (c) कठोपनिषद में (d) केन उपनिषद में उत्तर-(c) कठोपनिषद में यम और नचिकेता का संवाद उल्लिखित है। इसमें आचार्य यम ने नचिकेता को उपदेश दिया है-"न इस आत्मा का कभी जन्म होता है और न इसकी कभी मृत्यु होती है। यह अजन्मा, नित्य तथा शाश्वत है।" 'कठोपनिषद' कृष्ण यजुर्वेद का उपनिषद है। 2 / 23 23. नचिकेता आख्यान का उल्लेख मिलता है- U.P.P.C.S. (Mains) 2006 (a) अथर्ववेद में (b) शतपथ ब्राह्मण में (c) कठोपनिषद में (d) बृहदारण्यक उपनिषद में 3 / 23 24. उपनिषद काल के राजा अश्वपति शासक थे- U.P.P.C.S. (Pre) 1999 (a) काशी के (b) केकय के (c) पांचाल के (d) विदेह के उत्तर-(b) उपनिषदों में वर्णित राजाओं में विदेह के राजा जनक, पांचाल के राजा प्रवाहणजाबालि, केकय के राजा अश्वपति और काशी के राजा अजातशत्रु प्रमुख थे। 4 / 23 24. निम्नलिखित में से वैदिक साहित्य का सही क्रम कौन-सा है? U.P.P.C.S. (Mains) 2014 (a) वैदिक संहिताएं, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद (b) वैदिक संहिताएं, उपनिषद, आरण्यक, ब्राह्मण (c) वैदिक संहिताएं, आरण्यक, ब्राह्मण, उपनिषद (d) वैदिक संहिताएं, वेदांग, आरण्यक, स्मृतियां उत्तर-(a) वैदिक साहित्य का सही क्रम है-वैदिक संहिताएं, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद । 5 / 23 25. आरंभिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित नदी है- I.A.S. (Pre) 1996 (a) सिंधु (b) शुतुद्री (c) सरस्वती (d) गंगा उत्तर-(a) सिंधु नदी का ऋग्वैदिक काल में सर्वाधिक महत्व था, इसी कारण इसका उल्लेख ऋग्वेद में सर्वाधिक बार हुआ है। सिंधु नदी को उसके आर्थिक महत्व के कारण 'हिरण्यायी' कहा गया है। 6 / 23 26. वैदिक नदी अस्किनी की पहचान निम्नांकित नदियों में से किस एक के साथ की जाती है? U.P.P.S.C. (GIC) 2010 (a) ब्यास (b) रावी (c) चेनाब (d) झेलम उत्तर-(c)वैदिक नदी अस्किनी की पहचान चेनाब (चिनाब) नदी से की गई है। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है। 7 / 23 27. ऋग्वेद में निम्नांकित किन नदियों का उल्लेख अफगानिस्तान के साथ आर्यों के संबंध का सूचक है? U.P.C.S. (Pre) 2010 (a) अस्किनी (b) परुष्णी (c) कुभा, कुमु (d) विपाशा, शुतुद्री उत्तर-(c)ऋग्वेद में उल्लिखित कुभा (काबुल), कुमु (कुर्रम), गोमती (गोमल) एवं सुवास्तु (स्वात) नदियां अफगानिस्तान में बहती थीं। इन नदियों के उल्लेख से स्पष्ट होता है कि आर्यों का अफगानिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध था। 8 / 23 28. वैदिक नदी कुभा का स्थान कहां निर्धारित होना चाहिए? U.P.P.C.S. (Pre) 1999 (a) अफगानिस्तान में (b) चीनी तुर्किस्तान में (c) कश्मीर में (d) पंजाब में 9 / 23 29. महाभारत काल में महानदी का नाम था- Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016 (a) कावेरी (b) ताप्ती (c) महानंदा (d) गंगा (e) इनमें से कोई नहीं उत्तर-(e) महाभारत काल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। महानदी का उल्लेख महाभारत के भीष्म पर्व में प्राप्त होता है। 10 / 23 30. वायु पुराण में महानदी का पौराणिक नाम क्या है? Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2022 (a) चित्रोत्पला (b) नीलोत्पला (c) कनक नंदिनी (d) महानंदा उत्तर-(b) महानदी का पौराणिक नाम वायु पुराण में 'नीलोत्पला' बताया गया है। मत्स्य पुराण और ब्रह्म पुराण में महानदी को चित्रोत्पला कहा गया है। 11 / 23 31. निम्नलिखित में से कौन-सी प्रथा उत्तर-वैदिक काल (Post Vedic) में प्रचलित हुई? I.A.S. (Pre) 1994 (a) धर्म अर्थ काम मोक्ष (b) ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र (c) ब्रह्मचर्य गृहस्थाश्रम वानप्रस्थ संन्यास (d) इंद्र सूर्य रुद्र- मरुत उत्तर-(a&c) चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष) तथा आश्रम (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ तथा संन्यास) की अवधारणा का प्रारंभ उत्तर-वैदिक काल में हुआ था। वस्तुतः पुरुषार्थ का पूर्णरूपेण क्रियान्वयन आश्रमों के माध्यम से होता था। ये चारों पुरुषार्थ मानव जीवन के आधार स्तम्भथे, जिनकी सफलता आश्रम पर निर्भर करती थी। ध्यातव्य है कि 'जाबालोपनिषद' में सर्वप्रथम चारों आश्रमों का उल्लेख प्राप्त होता है। 12 / 23 32. "धर्म" तथा "ऋत" भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के एक केंद्रीय विचार को चित्रित करते हैं। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: धर्म व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं तथा दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्तव्यों की संकल्पना था।ऋत मूलभूत नैतिक विधान था, जो सृष्टि और उसमें अंतर्निहित सारे तत्वों के क्रिया-कलापों को संचालित करता था।उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं? I.A.S. (Pre) 2011 (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनों (d) न तो 1 और न ही 2 उत्तर-(c) प्रश्नगत दोनों कथन भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के संदर्भ में सही हैं। अतः सही उत्तर विकल्प (c) होगा। 'वरुण' देवता को वैदिक सभ्यता में 'नैतिक व्यवस्था' का प्रधान माना जाता था। इसी कारण उन्हें 'ऋतस्यगोपा' भी कहा जाता था। 13 / 23 33. भारतीय संस्कृति के अंतर्गत 'ऋत' का अर्थ है- Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016 (a) प्राकृतिक नियम (b) कृत्रिम नियम (c) मानवीय नियम (d) सामाजिक नियम (e) इनमें से कोई नहीं उत्तर-(a) ऋग्वेद में हमें धर्म के अतिरिक्त दूसरा शब्द ऋत मिलता है। सभी देवताओं का संबंध ऋत (विश्व की नैतिक एवं भौतिक व्यवस्था) से माना गया है। ऋग्वेद में इसका वर्णन है। सृष्टि के आदि में सर्वप्रथम ऋत की उत्पत्ति हुई थी। ऋत के द्वारा विश्व में सुव्यवस्था तथा प्रतिष्ठा स्थापित होती है। यह विश्व की व्यवस्था का नियामक है। 14 / 23 34. निम्नलिखित वैदिक देवताओं में किसे उनका पुरोहित माना जाता था? U.P.P.C.S. (Mains) 2013 (a) अग्नि (b) बृहस्पति (c) द्यौस (d) इन्द्र उत्तर-(b) बृहस्पति को वैदिक देवताओं का पुरोहित माना जाता था। 15 / 23 35. निम्नलिखित में कौन-सी वह ब्रह्मवादिनी थी, जिसने कुछ वेद मंत्रों की रचना की थी? I.A.S. (Pre) 1995 (a) लोपामुद्रा (b) गार्गी (c) लीलावती (d) सावित्री उत्तर-(a) वैदिक साहित्य में कई ऐसी विदुषी स्त्रियों का उल्लेख मिलता है, जिन्होंने वेद मंत्रों की रचना की थी। यथा-अपाला, घोषा, विश्ववारा, लोपामुद्रा आदि। 'लोपामुद्रा' अगस्त्य ऋषि की पत्नी थीं। 16 / 23 36. ऋग्वैदिक काल में निष्क शब्द का प्रयोग एक आभूषण के लिए होता था; किंतु परवर्ती काल में उसका प्रयोग इस अर्थ में हुआ- I.A.S. (Pre) 1993 (a) शस्त्र (b) कृषि औजार (c) लिपि (d) सिक्का उत्तर-(d) वैदिक काल में सोने के हार को 'निष्क' कहा जाता था; किंतु परवर्ती काल में इसका प्रयोग विनिमय के माध्यम (सिक्कों) के रूप में किया जाने लगा। 17 / 23 37. ऋग्वैदिक काल में निष्क किस अंग का आभूषण था? U.P.P.C.S. (Mains) 2007 (a) कान का (b) गला का (c) बाहु का (d) कलाई का उत्तर-(b) ऋग्वैदिक काल में निष्क गले में पहना जाने वाला एक प्रकार का हार था। जिसे निष्क-ग्रीवा कहा जाता था। साथ ही निष्क, वैदिक काल में विनिमय का एक माध्यम भी था। 18 / 23 38. प्राचीन भारत में 'निशाका' जाने जाते थे- U.P.P.C.S. (Pre) 2005 (a) स्वर्ण आभूषण (b) गायें (c) तांबे के सिक्के (d) चांदी के सिक्के उत्तर-(a) प्राचीन भारत में 'निष्क' (Niska) या 'निशाका' मूल रूप से गले में पहना जाने वाला एक सोने का आभूषण था, जिसे 'निष्क-ग्रीवा' कहा जाता था। इसे पुरुषों तथा महिलाओं दोनों द्वारा सामान्यतः पहना जाता था। बाद में निश्चित वजन तथा मानक को अपनाने के कारण इसका प्रयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाने लगा। 19 / 23 39. बोगजकोई महत्वपूर्ण है; क्योंकि- U.P.P.C.S. (Pre) 1996 39thB.P.S.C. (Pre) 1994 (a) यह मध्य एशिया एवं तिब्बत के मध्य एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। (b) यहां से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवताओं का नामोल्लेख प्राप्त होता है। (c) वेद के मूल ग्रंथों की रचना यहां हुई थी। (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं। उत्तर-(b)एशिया माइनर स्थित बोगजकोई अभिलेख से चौदहवीं शताब्दी ई. पू. के अभिलेख में ऋग्वैदिक काल के देवताओं (इंद्र, वरुण, मित्र तथा नासत्य) का उल्लेख मिलता है। इससे ज्ञात होता है कि वैदिक आर्य ईरान से होकर ही भारत में आए होंगे। 20 / 23 39. निम्नलिखित अभिलेखों में से कौन-सा ईरान से भारत में आर्यों के आने की सूचना देता है? U.P.P.C.S. (Mains) 2009 (a) मानसेहरा (b) शहबाजगढ़ी (c) बोगजकोई (d) जूनागढ़ 21 / 23 40. 14वीं सदी ई.पू. का एक अभिलेख जिसमें वैदिक देवताओं का वर्णन है, प्राप्त हुआ है – U.P.P.C.S (Mains) 2016 (a) एकबटाना से (b) बोगजकोई से (c) बेबीलोन से (d) बिसोटुन से 22 / 23 41. निम्नलिखित में से किसने आर्यों के आदि देश के बारे में लिखा था? U.P.P.C.S. (Pre) 1996 (a) शंकराचार्य (b) एनी बेसेंट (c) विवेकानंद (d) बाल गंगाधर तिलक उत्तर-(d) बाल गंगाधर तिलक ने आर्यों के आदि देश के बारे में लिखा था। तिलक ने यह मत व्यक्त किया था कि आर्यों का आदि देश उत्तरी ध्रुव था। किंतु तिलक का यह मत इतिहासकारों में मान्य नहीं है। 23 / 23 42. शतपथ ब्राह्मण में उल्लिखित राजा विदेध माधव से संबंधित ऋषि थे- U.P. Lower Sub. (Pre) 2015 (a) ऋषि भारद्वाज (b) ऋषि वशिष्ठ (c) ऋषि विश्वामित्र (d) ऋषि गौतम राहुगण उत्तर-(d) आर्यों के पूर्व दिशा की ओर प्रसार के विषय में शतपथ ब्राह्मण में वर्णित विदेध माधव की आख्यायिका उल्लेखनीय है। इसके अनुसार, राजा विदेध माधव, जो सरस्वती नदी के तट पर निवास करते थे, ने वैश्वानर अग्नि को मुख में धारण किया था। घृत का नाम लेते ही वह अग्नि मुख से निकलकर पृथ्वी पर आ गई तथा नदियों को जलाते हुए पूर्व की और बढ़ गई। विदेध माधव तथा उनके पुरोहित गौतम राहुगण ने उसका अनुगमन किया; किंतु उत्तरगिरि (हिमालय) से प्रवाहित होने वाली सदानीरा नदी को वह नहीं जला सका। विदेध माधव द्वारा अपने निवास स्थान के विषय में पूछे जाने पर अग्नि ने उनसे सदानीरा नदी के पूर्व की ओर रहने का आदेश दिया। Your score isResult : %%results_by_cats%%Score : %%score%%Time Taken : %%user_pass_time%%Correct Questions : %%user_corrects_count%%Skipped Question: %%skipped_questions_count%%Wrong Answers : %%only_wrong_answers_count%%No. of People Answered : %%result_id%%Date : %%current_date%% 0% Restart quiz