SET 05 मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)By dreamnaukari.com@gmail.com / April 21, 2025 Copyright © 2025 dreamnaukariquiz.com | Powered by dreamnaukariquiz.com SET 05 Fundamental Rights (मौलिक अधिकार) 1 / 15 61. भारत के संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन-से परिकल्पित हैं?मानव देह का व्यापार और बंधुआ मजदूरी (बेगारी) का निषेधअस्पृश्यता का उन्मूलनअल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षाकारखानों और खदानों में बच्चों के नियोजन का निषेधनीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-I.A.S. (Pre) 2017 (a) केवल 1, 2 और 4 (b) केवल 2, 3 और 4 (c) केवल 1 और 4 (d) 1, 2, 3 और 4 उत्तर-(c) भारतीय संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत अनुच्छेद 23 तथा अनुच्छेद 24 के तहत शोषण के विरुद्ध अधिकार का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 23 के तहत मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध किया गया है तथा अनुच्छेद 24 के तहत कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध किया गया है। अतः कथन 1 और 4 सही हैं। इस प्रकार विकल्प (c) सही उत्तर है। 2 / 15 62. भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद बच्चों के शोषण के विरुद्ध मौलिक अधिकार से संबंधित है? U.P.P.C.S. (Mains) 2017U.P.P.C.S. (Pre) 2005U.P. P.C.S. (Mains) 2009 (a) अनुच्छेद 17 (b) अनुच्छेद 19 (c) अनुच्छेद 23 (d) अनुच्छेद 24 उत्तर-(d) संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा। 3 / 15 63. भारत के संविधान का अनुच्छेद 24 जोखिमपूर्ण कार्यों से संबंधित कारखानों में बालकों के नियोजन को निषेध करता है। ऐसा निषेध है-M.P.P.C.S. (Pre) 2020 (a) पूर्ण निषेध (b) आंशिक निषेध (c) युक्तियुक्त निषेध (d) नैतिक निषेध उत्तर-(a) भारत के संविधान का अनुच्छेद 24 जोखिमपूर्ण कार्यों से संबंधित कारखानों में बालकों के नियोजन का पूर्ण निषेध (Absolute prohi-bition) करता है। इस अनुच्छेद के अनुसार, चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जाएगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जाएगा। 4 / 15 64. भारत के संविधान के अंतर्गत कौन-सा अनुच्छेद कारखानों में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध करता है?U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010U.P. P.C.S. (Mains) 2012 (a) अनुच्छेद 19 (b) अनुच्छेद 17 (c) अनुच्छेद 23 (d) अनुच्छेद 24 5 / 15 65. मूल अधिकारों से संबंधित संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन एक प्रत्यक्ष रूप से बालकों के शोषण से संबद्ध है?U.P.P.C.S. (Mains) 2011 (a) 17 (b) 19 (c) 24 (d) 25 6 / 15 66. आई.सी.सी.पी.आर. के अनुच्छेद को सुरक्षित किया गया है। द्वारा बाल अधिकारM.P.P.C.S. (Pre) 2013 (a) 35 (b) 24 (c) 21 (d) 23 उत्तर-(b) आई.सी.सी.पी.आर (यानी इंटरनेशनल कन्वेनैंट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स) के अनुच्छेद 24 द्वारा बाल अधिकार को सुरक्षित किया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 24 के द्वारा भी बाल अधिकार का संरक्षण किया गया है। 7 / 15 67. संविधान का कौन-सा अनुच्छेद दोषसिद्धि के संबंध में अभियुक्तों को दोहरे दंड एवं स्व-अभिशंसन से संरक्षण प्रदान करता है?Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010 (a) अनुच्छेद 19 (b) अनुच्छेद 22 (c) अनुच्छेद 21 (d) अनुच्छेद 20 उत्तर-(d) संविधान के अनुच्छेद 20 (2) के अनुसार, किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित और दंडित नहीं किया जा सकता तथा अनुच्छेद 20 (3) के अनुसार, किसी अपराध के लिए अभियुक्त किसी व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्षी होने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। 8 / 15 68. किसी अपराध के अभियुक्त को स्वयं अपने विरुद्ध गवाह बनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में यह प्रावधान है?U.P. Lower Sub. Spl. (Pre) 2004 (a) अनुच्छेद 20 (3) में (b) अनुच्छेद 21 में (c) अनुच्छेद 22 में (d) अनुच्छेद 74 में 9 / 15 69. "किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित और दंडित नहीं किया जाएगा" अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में उपरोक्त संरक्षण किस अनुच्छेद के अंतर्गत दिया गया है?U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010 (a) अनुच्छेद 19 (b) अनुच्छेद 20 (c) अनुच्छेद 21 (d) अनुच्छेद 22 10 / 15 70. बंदी बनाए गए व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की रक्षा किस अनुच्छेद से प्रदत्त है?U.P.P.C.S. (Mains) 2013 (a) अनु. 15 (b) अनु. 17 (c) अनु. 21 (d) अनु. 22 उत्तर-(d) संविधान के अनुच्छेद 22 में कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण प्रदान किया गया है। इस अनुच्छेद के खंड (1) के अनुसार किसी व्यक्ति को जो गिरफ्तार किया गया है, ऐसी गिरफ्तारी के कारणों से यथाशीघ्र अवगत कराए बिना अभिरक्षा में निरुद्ध नहीं रखा जाएगा या अपनी रुचि के विधि व्यवसायी से परामर्श करने और प्रतिरक्षा कराने के अधिकार से वंचित नहीं रखा जाएगा। 11 / 15 71. निम्नलिखित में से कौन सुमेलित नहींJharkhand P.C.S. (Pre) 2021 (a) अनुच्छेद 22 (1) - स्वयं की पसंद के अधिवक्ता द्वारा प्रतिरक्षा का अधिकार। (b) अनुच्छेद 22(4) - निवारक निरोध का उपबंध करने वाली कोई विधि तीन माह से अधिक निरुद्ध किया जाना प्राधिकृत नहीं करेगी। (c) अनुच्छेद 22(2) - संसद विधि द्वारा उन परिस्थितियों का निर्धारण कर सकेगी, जिसके अंतर्गत तीन माह से अधिक निरुद्ध किया जा सकेगा। (d) अनुच्छेद 22(1) - गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी के कारणों को यथासंभव शीघ्रातिशीघ्र बताए बिना अभिरक्षा में नहीं रखा जाएगा। उत्तर-(c) संविधान के अनुच्छेद 22 (2) के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को, जो गिरफ्तार किया गया है और अभिरक्षा में निरुद्ध रखा गया है, गिरफ्तारी के स्थान से मजिस्ट्रेट के न्यायालय तक यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़कर ऐसी गिरफ्तारी से चौबीस घंटे की अवधि में निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा और ऐसे व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के प्राधिकार के बिना उक्त अवधि से अधिक अवधि के लिए अभिरक्षा में निरुद्ध नहीं रखा जाएगा। अनुच्छेद 22 (7) में यह प्रावधानित है कि संसद विधि द्वारा उन परिस्थितियों का निर्धारण कर सकेगी, जिसके अंतर्गत तीन माह से अधिक निरुद्ध किया जा सकेगा। अन्य प्रश्नगत युग्म सुमेलित हैं। 12 / 15 72. प्रत्यक्ष बंदीकरण अधिनियम के अंतर्गत एक व्यक्ति बिना मुकदमा चलाए बंदी बनाया जा सकता है-U.P. Lower Sub. (Pre) 2013 (a) 1 माह के लिए (b) 3 माह के लिए (c) 6 माह के लिए (d) 9 माह के लिए उत्तर-(b) प्रत्यक्ष बंदीकरण (निवारक निरोध) अधिनियम के अंतर्गत एक व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए 3 माह के लिए बंदी बनाया जा सकता है। अनुच्छेद 22(4) के अनुसार, यदि निरोध 3 माह से अधिक के लिए है, तो वह मामला सलाहकार बोर्ड को निर्दिष्ट किया जाना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को निरोध में तभी रखा जा सकेगा, जब सलाहकार बोर्ड का यह मत हो कि ऐसे निरोध के लिए पर्याप्त आधार हैं। 13 / 15 73. प्रिवेन्टिव डिटेन्शन के अंतर्गत एक व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए बंदी बनाकर रखा जा सकता है? (a) एक माह तक (b) तीन माह तक (c) छः माह तक (d) नौ माह तक उत्तर-(b) U.P. P.C.S. (Mains) 2009भारत में निवारक निरोध (Preventive Detention) के अंतर्गत एक व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए (बगैर न्यायिक सलाहकार बोर्ड के प्रतिवेदन के) अधिकतम 3 माह तक [संविधान के अनु. 22(4) के अनुसार] बंदी बनाकर रखा जा सकता है। हालांकि अनु. 22 (7) के तहत संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के तहत निर्धारित मामलों तथा निर्धारित अधिकतम अवधि के संदर्भ में यह बात लागू नहीं होती है। 14 / 15 74. भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:जब एक कैदी पर्याप्त आधार प्रस्तुत करता है, तो ऐसे कैदी को पैरोल मना नहीं का मामला बन जाता है।कैदी को पैरोल पर छोड़ने के लिए राज्य सरकारों के अपने नियम हैं।उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा /कौन-से सही है/हैं?I.A.S. (Pre) 2021 (a) केवल 1 (b) केवल 2 (c) 1 और 2 दोनों (d) न तो 1 और न ही 2 उत्तर-(b)पैरोल (Parole) किसी कैदी को दंडादेश के निलंबन के साथ रिहा करने की प्रणाली है। यह रिहाई सामान्यतः कैदी के व्यवहार के आधार पर निर्धारित अवधि हेतु सशर्त होती है तथा उसे अधिकारियों के समक्ष आवधिक रूप से रिपोर्ट करना आवश्यक होता है। पैरोल (और फरलो; Furlough) की व्यवस्था कारागार प्रणाली को मानवीय बनाने के उद्देश्य से की गई है तथा ये 1894 के कारागार अधिनियम के तहत शासित होते हैं। पैरोल कैदी का अधिकार नहीं होता है तथा इसे विशेष कारण या परिस्थिति के आधार (यथा परिवार में किसी की मृत्यु या रक्त संबंधी के विवाह) पर ही प्रदान किया जाता है। कैदी द्वारा पैरोल हेतु पर्याप्त आधार प्रस्तुत करने पर भी सक्षम अधिकारी इसे अस्वीकृत कर सकता है, यदि उसकी राय में कैदी का रिहा होना समाज के हित में न हो या कैदी के रिहा होने पर उसके फरार हो जाने की आशंका हो। बहुधा मृत्युदंड प्राप्त कैदी को भी पैरोल पर नहीं छोड़ा जाता है। इसके अतिरिक्त, बहु-हत्या दोषी या आतंक रोधी गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम (UAPA) के तहत सजायाफ्ता कैदी भी पैरोल के पात्र नहीं होते हैं। इस प्रकार, कथन 1 गलत है।कथन 2 सही है, क्योंकि 'कारागार और उनमें निरुद्ध व्यक्ति' संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत राज्य सूची का विषय है और राज्य सरकारों द्वारा कारागार अधिनियम के तहत कैदी को पैरोल पर छोड़ने के लिए अपने नियम बनाए गए हैं। पैरोल राज्य कार्यपालिका द्वारा प्रदान की जाती है। जेल अधिकारी इस संदर्भ में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट देते हैं तथा पैरोल प्रदान करने का निर्णय मानवीय आधारों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा लिया जाता है। 15 / 15 75. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के प्रावधान के अंतर्गत सम्मिलित हैं-(1) धर्म प्रचार करने का अधिकार(II) सिक्खों को 'कृपाण' धारण करने एवं रखने का अधिकार(III) राज्यों को समाज-सुधारक विधि निर्माण का अधिकार(IV) धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकारनीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-कूट :U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001 (a) I, II एवं III (b) II, III एवं IV (c) III एवं IV (d) उक्त सभी उत्तर-(a) धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के प्रावधानों के अंतर्गत धर्म प्रचार करने का अधिकार एवं राज्यों को समाज सुधारक विधि निर्माण का अधिकार (अनुच्छेद 25) तथा सिक्खों को कृपाण धारण करने एवं रखने का अधिकार (अनुच्छेद 25 का स्पष्टीकरण-1) शामिल हैं। धार्मिक निकायों को लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का अधिकार धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार में शामिल नहीं है। Your score isResult : %%results_by_cats%%Score : %%score%%Time Taken : %%user_pass_time%%Correct Questions : %%user_corrects_count%%Skipped Question: %%skipped_questions_count%%Wrong Answers : %%only_wrong_answers_count%%No. of People Answered : %%result_id%%Date : %%current_date%% 0% Restart quiz प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 01 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 02 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 03 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 04 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 05 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 06 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 07 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 08 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 09 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 10 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 11 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 12 प्राचीन इतिहास Mix Questions SET 13 प्राचीन इतिहास Mix Questions