SET 01 अध्याय 2 : वन एवं वन्य जीव संसाधन CLASS 10 NCERT Geography MCQsBy dreamnaukari.com@gmail.com / May 22, 2025 SET 01 अध्याय 2 : वन एवं वन्य जीव संसाधन CLASS 10 NCERT Geography MCQs 1 / 10 1. प्रथम पोषक स्तर के अन्तर्गत आते हैं- (a) शाकाहारी जंतु (b) मांसाहारी जंतु (c) सर्वभक्षी जंतु (d) हरित पादप Ans.(d): परितंत्र में हरे पौधे (उत्पादक) सूर्य से सीधे ऊर्जा ग्रहण करके उसे खाद्य में बदलते हैं। ऐसे पौधे पिरामिड के एकदम आधार पर दर्शाये जाते हैं अथवा प्रथम खाद्य स्तर के अंतर्गत आते हैं। हरित पादपों को खाने वाले शाकभक्षी द्वितीय खाद्य स्तर होते हैं और प्राथमिक उपभोक्ता होते हैं। खाद्य पिरामिड में मांस भक्षी प्राणी तृतीय खाद्य स्तर होते हैं। 2 / 10 2. भारत में विश्व की सारी जैव उपजातियों का कितना प्रतिशत पाया जाता है- (a) 8% (b) 10% (c) 15% (d) 30% Ans.(a): भारत में जैव विविधता की दृष्टि से विश्व के सबसे समृद्ध देशों में से एक है। यहाँ विश्व की सारी जैव उपजातियों की 8 प्रतिशत संख्या (लगभग 16 लाख) पाई जाती है। ये अभी तक खोजी जाने वाली उपजातियों से दो या तीन गुना हैं। 3 / 10 3. IUCN का पूरा नाम क्या है? (a) International Union for Conservation of Nature (b) International Union for Convention of Nature (c) Inter Union Conservation for Nature (d) Intra-Union Nature of Conservation Ans.(a): IUCN का पूरा नाम है-International Union for Conservation of Nature. IUCN एक स्वैच्छिक संगठन है जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में पर्यवेक्षक का अधिकारिक दर्जा प्राप्त है। विश्व में पहली बार पर्यावरणीय संगठन के रूप में इसकी स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। इसका मुख्यालय ग्लैण्ड (स्विट्जरलैंड) में है। 4 / 10 4. 'रेड डाटा बुक' अथवा 'रेड लिस्ट' से संबंधित संगठन है- (a) यू.टी.ई.एस. (b) आई.यू.सी.एन. (c) आई.बी.डब्ल्यू.सी. (d) डब्ल्यू.एफ.एफ. Ans.(b): रेड डाटा बुक आई.यू.सी.एन. संगठन से संबंधित है। वर्ष 1964 से आई.यू.सी.एन. विलुप्तप्राय, असुरक्षित तथा दुर्लभजीवों व पादपों से संबंधित रेड डाटा बुक जारी करता है। यह प्राकृतिक पर्यावरण के बेहतर प्रबंधन के लिए विश्व भर में हजारों क्षेत्रीय परियोजनाएँ चलाता है। 5 / 10 5. भारत में कितने प्रतिशत वन्य वनस्पतिजात और कितने प्रतिशत स्तनधारियों के लुप्त होने का खतरा है- (a) 10%, 30% (b) 20%, 30% (c) 10%, 20% (d) 5%, 10% Ans.(c): एक अनुमान के अनुसार, भारत में 10% वन्य वनस्पतिजात और 20% स्तनधारियों के लुप्त होने का खतरा है। इनमें चीता, गुलाबी सिर वाली बत्तख, पहाड़ी कोयल और जंगली चित्तीदार उल्लू और मधुका इनसिगनिस (महुआ की जंगली किस्म) और हुबरड़िया हेप्टान्यूरोन (घास की प्रजाति) जैसे पौधे शामिल हैं। 6 / 10 6. वे जातियाँ जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती है- (a) संकटग्रस्त जातियाँ (b) सामान्य जातियाँ (c) सुभेद्य जातियाँ (d) दुर्लभ जातियाँ Ans.(b): वे जातियाँ जिनकी संख्या जीवित रहने के लिए सामान्य मानी जाती हैं सामान्य जातियाँ कहलाती हैं, जैसे-पशु, साल, चीड़ और कृन्तक (रोडेंट्स) इत्यादि। 7 / 10 7. वे जातियाँ जिनके लुप्त होने का खतरा है, कहलाती है- (a) संकटग्रस्त जातियाँ (b) लुप्त जातियाँ (c) सुभेद्य जातियाँ (d) दुर्लभ जातियाँ Ans.(a): वे जातियाँ, जिनके लुप्त होने का खतरा हो संकटग्रस्त जातियाँ कहलाती है। जिन विषम परिस्थितियों के कारण संख्या कम हुई है, यदि वे जारी रहती हैं तो इन जातियों का जीवित रहना कठिन है। जैसे-काला हिरण, मगरमच्छ, गैंडा, शेर पूँछ वाला बंदर, संगाई (मणिपुरी हिरण) तथा भारतीय जंगली गधा है। 8 / 10 8. ऐसी जातियाँ जिनकी संख्या घट रही हो, कहलाती है- (a) सामान्य जातियाँ (b) संकटग्रस्त जातियाँ (c) सुभेद्य जातियाँ (d) दुर्लभ जातियाँ Ans.(c): सुभेद्य (Vulnerable) वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है, तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएगी। जैसे-नीली भेड़, एशियाई हाथी तथा गंगा नदी की डाल्फिन इत्यादि है। 9 / 10 9. ऐसी जातियाँ जिनकी संख्या बहुत कम या सुभेद्य है, कहलाती है- (a) सुभेद्य जातियाँ (b) दुर्लभ जातियाँ (c) स्थानिक जातियाँ (d) इनमें से कोई नहीं Ans.(b): दुर्लभ जातियाँ जिनकी संख्या बहुत कम या सुभेद्य है और यदि इनको प्रभावित करने वाली विषम परिस्थितियाँ नहीं परिवर्तित होती तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में आ सकती हैं। 10 / 10 10. स्थानिक प्रजातियाँ हैं- (a) दुर्लभ जातियाँ (b) संकटग्रस्त जातियाँ (c) आयातित जातियाँ (d) एक विशेष क्षेत्र में पाई जाने वाली प्रजातियाँ Ans.(d): प्राकृतिक या भौगोलिक सीमाओं से अलग विशेष क्षेत्रों में पाई जाने वाली जातियाँ स्थानिक जातियाँ कहलाती हैं। जैसे-अंडमानी टील, निकोबारी कबूतर, अंडमानी जंगली सुअर और अरुणाचल के मिथुन इन जातियों के उदाहरण हैं। Your score isResult : %%results_by_cats%%Score : %%score%%Time Taken : %%user_pass_time%%Correct Questions : %%user_corrects_count%%Skipped Question: %%skipped_questions_count%%Wrong Answers : %%only_wrong_answers_count%%No. of People Answered : %%result_id%%Date : %%current_date%% 0% Restart quiz