SET 04 अध्याय 1 : संसाधन एवं विकास CLASS 10 NCERT Geography MCQsBy dreamnaukari.com@gmail.com / May 20, 2025 SET 04 अध्याय 1 : संसाधन एवं विकास CLASS 10 NCERT Geography MCQs 1 / 10 31. लाल मृदा का पीला रंग किस कारण होता है- (a) जलयोजन (b) कार्बोनेशन (c) ऑक्सीकरण (d) अपचयन Ans.(a): लाल मृदा का पीला रंग इनमें जलयोजन के कारण होता है। इन मृदाओं का लाल रंग रवेदार आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों में लौह धातु के प्रसार के कारण होता है। 2 / 10 32. इनमें से किस राज्य में काली मृदा मुख्य रूप से पाई जाती है- (a) जम्मू-कश्मीर (b) राजस्थान (c) महाराष्ट्र (d) झारखंड Ans.(c): काली मृदा मुख्य रूप से महाराष्ट्र में विस्तारित है। इसके अतिरिक्त यह सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार पर पाई जाती है। 3 / 10 33. इनमें से कौन-सी मृदा निक्षालन का परिणाम है- (a) लेटराइट मृदा (b) लाल मृदा (c) लवणीय मृदा (d) काली मृदा Ans.(a): लेटेराइट मृदा भारी वर्षा से अत्यधिक निक्षालन (Leaching) का परिणाम है। लेटेराइट मृदा उच्च तापमान और अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित होती है। इस मृदा में ह्यूमस की मात्रा कम पाई जाती है। 4 / 10 34. काजू की फसल हेतु अधिक उपयुक्त है- (a) लेटराइट मृदा (b) काली मृदा (c) जलोढ़ मृदा (d) पीली मृदा Ans.(a): लेटेराइट मृदा काजू की फसल हेतु अधिक उपयुक्त है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल की लाल लेटेराइट मृदाएँ काजू की फसल हेतु अधिक उपयुक्त है। मृदा संरक्षण की उचित तकनीक अपनाकर इन मृदाओं पर कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में चाय और कॉफी उगाई जाती है। 5 / 10 35. कथन (A): मरुस्थलीय मृदा में जल अंतःस्पंदन अवरुद्ध हो जाता है। कारण (R): मृदा की सतह के नीचे कैल्शियम की मात्रा बढ़ती चली जाती है। (a) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। (b) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) सही व्याख्या नहीं है। (c) (A) सत्य है तथा (R) असत्य है। (d) (A) असत्य है तथा (R) सत्य है। Ans.(a): मरुस्थलीय मृदा में अंतःस्पंदन (Infiltration) अवरुद्ध हो जाता है, क्योंकि मृदा की सतह के नीचे कैल्शियम की मात्रा बढ़ती जाती है और नीचे की परतों में चूने के कंकर की सतह पाई जाती है। इस कारण मृदा में जल अंतःस्पंदन अवरुद्ध हो जाता है। इस मृदा को सही तरीके से सिंचित करके कृषि योग्य बनाया जा सकता है, जैसा कि पश्चिमी राजस्थान में हो रहा है। 6 / 10 36. वन मृदा के संदर्भ में सत्य कथन की पहचान कीजिए-(i) इस मृदा के गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव आता है।(ii) ये अधिसिलिक तथा ह्यूमस रहित होती है। (a) केवल (i) (b) केवल (ii) (c) उपर्युक्त दोनों (d) इनमें से कोई नहीं Ans.(c): वन मृदाओं के गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव आता है। नदी घाटियों में ये मृदाएँ दोमट और सिल्टदार होती हैं। परंतु ऊपरी ढालों पर इनका गठन मोटे कणों का होता है। हिमालय के हिमाच्छादित क्षेत्रों में इन मृदाओं का बहुत अपरदन होता है और ये अधिसिलिक तथा ह्यूमस रहित होती हैं। 7 / 10 37. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-(i) मृदा के बनने और अपरदन की क्रियाएँ आमतौर पर साथ-साथ चलती है।(ii) उत्खात भूमि चंबल बेसिन में पाई जाती है।(iii) ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाओं के समानांतरहल चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गतिघटती है इसे समोच्च जुताई कहा जाता है।असत्य कथन की पहचान कीजिए- (a) केवल (iii) (b) केवल (ii) (c) (i) व (ii) (d) इनमें से कोई नहीं Ans.(d): मृदा के बनने और अपरदन की क्रियाएँ आमतौर परसाथ-साथ चलती है और दोनों में संतुलन होता है। बहता जल मृत्तिकायुक्त मृदाओं को काटते हुए गहरी वाहिकाएँ बनाता है, जिसे अवनालिकाएँ कहते हैं। ऐसी भूमि जोतने योग्य नहीं रहती और इसे 'उत्खात भूमि' कहते हैं। चंबल बेसिन में ऐसी भूमि को खड्डू भूमि कहा जाता है। ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाओं के समानांतर हल चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गति घटती है। इसे समोच्च जुताई कहा जाता है। 8 / 10 38. कथन (A): सोपान कृषि अपरदन को नियंत्रित करती है। कारण (R): पश्चिमी और मध्य हिमालय में सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि काफी विकसित है। (a) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। (b) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) सही व्याख्या नहीं है। (c) (A) सत्य है तथा (R) असत्य है। (d) (A) असत्य है तथा (R) सत्य है। Ans.(b): सोपान कृषि अपरदन को नियंत्रित करती है। ढाल वाली भूमि पर सोपान बनाए जा सकते हैं। पश्चिमी और मध्य हिमालय में सोपान अथवा सीढ़ीदार कृषि काफी विकसित है। अतः (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है। 9 / 10 39. कथन (A): पट्टी कृषि में घास की पट्टियाँ उगाई जाती है।कारण (R): ये पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करती है। (a) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) की यही व्याख्या है। (b) (A) व (R) सत्य है तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है। (c) (A) सत्य है तथा (R) असत्य है। (d) (A) असत्य है तथा (R) सत्य है। Ans.(a): पट्टी कृषि में बड़े खेतों को पट्टियों में बाँटा जाता है। फसलों के बीच में घास की पट्टियाँ उगाई जाती हैं क्योंकि ये पवनों द्वारा जनित बल को कमजोर करती हैं। इसे पट्टी कृषि कहते हैं। पेड़ों को कतारों में लगाकर रक्षक मेखला बनाना भी पवनों की गति कम करता है। इन रक्षक पट्टियों का पश्चिम भारत में रेत के टीलों के स्थायीकरण में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। 10 / 10 40. भारत की पहली वन नीति स्वतंत्रता के पश्चात कब लागू हुई- (a) 1896 (b) 1952 (c) 1988 (d) 1967 Ans.(b): स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 1952 में प्रथम राष्ट्रीय वन नीति की घोषणा की गई। इसके अनुसार, वनों से अधिकतम आय प्राप्त करना सरकार का मुख्य लक्ष्य हो गया। भारत में सर्वप्रथम 1894 ई० में वन नीति का निर्माण किया गया था, जिसमें 1952 व 1988 में संशोधन किया गया है। Your score isResult : %%results_by_cats%%Score : %%score%%Time Taken : %%user_pass_time%%Correct 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