SET 04 वैदिक काल / Vedic Period MCQsBy dreamnaukari.com@gmail.com / March 24, 2025 Copyright © 2025 dreamnaukariquiz.com | Powered by dreamnaukariquiz.com SET 04 Vedic Period / वैदिक काल 1 / 20 63. ऋग्वैदिक धर्म था- U.P.P.C.S. (Mains) 2014 (a) बहुदेववादी (b) एकेश्वरवादी (c) अद्वैतवादी (d) निवृत्तमार्गी उत्तर-(a) ऋग्वेद में हमें प्रथम दृष्टया बहुदेववाद (Polytheism) के दर्शन होते हैं। आर्य विभिन्न देवताओं के अस्तित्व में विश्वास करते थे। मुख्यतः वैदिक देवताओं के तीन वर्ग हैं- 1. द्युस्थान (आकाश) के देवता, 2. अंतरिक्ष के देवता तथा 3. पृथ्वी के देवता। इन देवताओं की स्तुति करते समय वैदिक ऋषि जब जिस देवता की स्तुति करते हैं, उसे ही प्रमुख या सर्वश्रेष्ठ देवता कहते हैं। इसे एकैक्यवाद भी कहा जाता है। इसके अलावा ऋग्वेद में "एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति" कहकर एकेश्वरवाद का भी समर्थन किया गया है। ऋग्वेद में आर्यों के प्रधान देवता प्राकृतिक शक्तियों के प्रतिनिधि थे, जिनका मानवीकरण किया गया था। 2 / 20 64. सर्वाधिक ऋग्वैदिक सूक्त समर्पित हैं- U.P.P.C.S. (Mains) 2002 (a) अग्नि को (b) इंद्र को (c) रुद्र को (d) विष्णु को उत्तर-(b)ऋग्वेद में इंद्र का वर्णन सर्वाधिक प्रतापी देवता के रूप में किया गया है, जिसे 250 सूक्त समर्पित हैं। यह ऋग्वैदिक काल में सर्वाधिक लोकप्रिय देवता थे। इंद्र को आर्यों का युद्ध नेता तथा वर्षा का देवता माना जाता है। ऋग्वेद में अग्नि को 200 सूक्त समर्पित हैं और वह इस काल के दूसरे सर्वाधिक महत्वपूर्ण देवता हैं। 3 / 20 65. निम्नलिखित में से किसे ऋग्वेद में युद्ध-देवता समझा जाता है? U.P.P.C.S. (Mains) 2011 (a) अग्नि (b) इंद्र (c) सूर्य (d) वरुण 4 / 20 66. ऋग्वेद में सर्वाधिक संख्या में मंत्र संबंधित हैं- U.P.P.C.S. (Mains) 2010 (a) अग्नि से (b) वरुण से (c) विष्णु से (d) यम से उत्तर-(a)ऋग्वेद में सर्वाधिक संख्या में मंत्र इंद्र को समर्पित हैं; किंतु वह इस प्रश्न के विकल्प में नहीं है। दूसरे स्थान पर अग्नि को 200 सूक्त समर्पित हैं। अतः सही उत्तर विकल्प (a) है। 5 / 20 67. ऋग्वेद के सर्वाधिक मंत्र किस वैदिक देवता को समर्पित हैं? Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021 (a) अग्नि (b) इंद्र (c) वरुण (d) आदित्य 6 / 20 68. वैदिक देवता इंद्र के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए- झंझावत के देवता थे।पापियों को दंड देते थे।नैतिक व्यवस्था के संरक्षक थे।वर्षा के देवता थे।कूट:U.P.P.C.S. (Mains) 2017 (a) 1 एवं 2 सही हैं। (b) 1 एवं 3 सही हैं। (c) 2 एवं 4 सही हैं। (d) 1 एवं 4 सही हैं। उत्तर-(d)ऋग्वेद में इंद्र का वर्णन सर्वाधिक प्रतापी देवता के रूप में किया जाता है, जिसे 250 सूक्त समर्पित हैं। यह ऋग्वैदिक काल में सर्वाधिक लोकप्रिय देवता थे। इंद्र को आर्यों का युद्ध नेता तथा वर्षा, आंधी, तूफान का देवता माना जाता है। इंद्र को वृत्तासुरहंता (वृत्तासुर नामक राक्षस का वध करने वाला), पुरभिद (किला को भेदने वाला), सोमापा (सोम का अत्यधिक पान करने वाला), शतक्रति (एक सौ शक्तियों का स्वामी) आदि नामों से जाना जाता है। नैतिक व्यवस्था का संरक्षक वरुण को कहा गया है। इसके अतिरिक्त कुछ मंत्रों में पापियों को दंड देने के लिए इंद्र और सोम से प्रार्थना की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि इंद्र पापियों को दंड भी देते थे। प्रश्न विकल्प में कथन 1, 2, 4 न होने के कारण विकल्प (d) 1 एवं 4 ज्यादा उपयुक्त उत्तर है। 7 / 20 69. निम्नलिखित में से पूर्व वैदिक आर्यों का सर्वाधिक लोकप्रिय देवता कौन था? U.P.P.C.S. (Mains) 2008 (a) वरुण (b) विष्णु (c) रुद्र (d) इंद्र 8 / 20 70. वैदिक देवमंडल में निम्न में से कौन देवता युद्ध का देवता माना जाता है? Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016 (a) वरुण (b) इंद्र (c) मित्र (d) अग्नि उत्तर-(b)ऋग्वैदिक आर्यों के सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रतापी देवता इंद्र थे। इन्हें ऋग्वेद में विभिन्न नामों से पुकारा गया है। इन्हें पुरंदर; अर्थात किलों को तोड़ने वाला कहा गया है। यह युद्ध के नेता के रूप में चित्रित हैं। इंद्र को वृत्तासुर हंता (वृत्तासुर नामक राक्षस का वध करने वाला), पुरभिद (दुर्ग या किला को भेदने वाला), सोमापा (सोम का अत्यधिक पान करने वाला), शतक्रति (एक सौ शक्तियों का स्वामी), आदि नामों से जाना जाता है। 9 / 20 71. 800 से 600 ईसा पूर्व का काल किस युग से जुड़ा है? U.P.P.C.S. (Pre) 2002 (a) ब्राह्मण युग (b) सूत्र युग (c) रामायण युग (d) महाभारत युग उत्तर-(a) 800 से 600 ईसा पूर्व का काल ब्राह्मण ग्रंथों के प्रणयन युग से जुड़ा है। प्रायः सातवीं या छठी शताब्दी ई. पू. से लेकर तीसरी शताब्दी ई. पू. तक का समय सूत्र काल कहा जाता है। 10 / 20 72. गायत्री मंत्र किस पुस्तक में मिलता है? 39th B.P.S.C. (Pre) 1994 (a) उपनिषद (b) भगवद्गीता (c) ऋग्वेद (d) यजुर्वेद उत्तर-(c) 'गायत्री मंत्र' ऋग्वेद में उल्लिखित है। इसके रचनाकार विश्वामित्र हैं। यह सवितृ (सूर्य देवता) को समर्पित है। यह मंत्र ऋग्वेद के तृतीय मंडल में वर्णित है। 11 / 20 73. गायत्री मंत्र के नाम से प्रसिद्ध मंत्र सर्वप्रथम किस ग्रंथ में मिलता है?U.P. P.C.S. (Pre) 2013 (a) भगवद्गीता (b) अथर्ववेद (c) ऋग्वेद (d) मनुस्मृति 12 / 20 74. गायत्री मंत्र की रचना किसने की थी?Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006 (a) वशिष्ठ (b) विश्वामित्र (c) इंद्र (d) परीक्षित 13 / 20 75. सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वन्तर और वंशानुचरित संकेतक हैं-U.P. P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015 (a) वेदों के (b) पुराणों के (c) उपनिषदों के (d) सूत्रों के उत्तर-(b)पुराणों में पांच प्रकार के विषयों का वर्णन सिद्धांततः इस प्रकार है सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वन्तर तथा वंशानुचरित। सर्ग बीज या आदि सृष्टि का पुराण है। प्रतिसर्ग प्रलय के बाद की पुनसृष्टि को कहते हैं। वंश में देवताओं या ऋषियों के वंश वृक्षों का वर्णन है। मन्वन्तर में कल्प के महायुगों का वर्णन है और वंशानुचरित पुराणों के वे अंग हैं, जिनमें राजवंशों की तालिकाएं दी हुई हैं और राजनीतिक अवस्थाओं, कक्षाओं तथा घटनाओं के वर्णन हैं। 14 / 20 76. पुराणों की संख्या है- U.P.P.S.C. (GIC) 2010 U.P.P.C.S. (Pre) 2009 (a) 16 (b) 18 (c) 19 (d) 21 उत्तर-(b)पुराणों की संख्या 18 है। इनकी रचना लोमहर्ष ऋषि तथा उनके पुत्र उग्रश्रवा द्वारा की गई थी। 15 / 20 77. पुराणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही है? विष्णु पुराण से मौर्य वंश की जानकारी मिलती है।वायु पुराण गुप्त वंश की शासन व्यवस्था पर प्रकाश डालता है।U.P.P.C.S. (Pre) 2023 (a) केवल 1 (b) न तो 1 ना ही 2 (c) केवल 2 (d) दोनों 1 तथा 2 उत्तर-(d)व्यख्या : विष्णु पुराण से मौर्य वंश की जानकारी मिलती है, जबकि वायु, विष्णु और ब्राह्मण से गुप्त वंश की जानकारी प्राप्त होती है। वायु पुराण से गुप्त वंश की शासन व्यवस्था पर प्रकाश पड़ता है। 16 / 20 78. 'श्रीमद्भागवद्गीता' मौलिक रूप में किस भाषा में लिखी गई थी?Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007 (a) संस्कृत (b) उर्दू (c) पालि (d) हिंदी उत्तर-(a)'श्रीमद्भागवद्गीता' मौलिक रूप से संस्कृत भाषा में लिखी गई थी। यह प्राचीन धार्मिक ग्रंथ 'महाभारत' का एक भाग है। 17 / 20 79. महाभारत मूलतः किस रूप में जानी जाती थी?U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014 (a) वृहत्कथा (b) ब्राह्मण (c) वृहत्संहिता (d) जयसंहिता उत्तर-(d)महाभारत के प्रारंभिक रचना काल में 8,800 श्लोक थे और इसे 'जयसंहिता' के नाम से जाना जाता था। महाभारत का दूसरा संस्करण 'भारत' था, जिसमें श्लोकों की संख्या 24,000 थी। वर्तमान महाभारत में एक लाख श्लोक प्राप्त हैं। यह इसका अंतिम संस्करण है, जिसे 'शतसहस्री संहिता' या 'महाभारत' कहा गया। 18 / 20 80. शतसाहस्त्री-संहिता उपनाम निम्नलिखित में से किस ग्रंथ का है? U.P.B.E.O. (Pre) 2019 (a) ऋग्वेद (b) अथर्ववेद (c) रामायण (d) महाभारत 19 / 20 81. हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन हेतु किस सर्प ने रस्सी के रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया? Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007 (a) कालिया (b) वासुकी (c) पुष्कर (d) शेषनाग उत्तर-(b)हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन हेतु मथानी के रूप में मंद्राचल पर्वत तथा रस्सी के रूप में सर्पों के राजा वासुकी का प्रयोग किया गया था। 20 / 20 82. किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उद्धृत हुई थी?39th B.P.S.C. (Pre) 1994 (a) ऋग्वैदिक काल में (b) उत्तर वैदिक काल में (c) उत्तर-गुप्त काल में (d) धर्मशास्त्र के समय में उत्तर-(d)धर्मशास्त्रों के समय में (सूत्र काल में) चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र) के अतिरिक्त समाज में अन्य अनेक जातियों यथा-अम्बष्ठ, उग्र, निषाद, मागध, वैदेहक, रथकार आदि का आविर्भाव अनुलोम एवं प्रतिलोम विवाहों के फलस्वरूप हो गया। पाणिनि ने दो प्रकार के शूद्रों का उल्लेख किया है-निरवसित एवं अनिरवसित । इनमें पहले प्रकार के शूद्र ही अस्पृश्य माने जाते थे। Your score isResult : %%results_by_cats%%Score : %%score%%Time Taken : %%user_pass_time%%Correct Questions : %%user_corrects_count%%Skipped Question: %%skipped_questions_count%%Wrong Answers : %%only_wrong_answers_count%%No. of People Answered : %%result_id%%Date : %%current_date%% 0% Restart quiz